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मध्‍यप्रदेश गान

सुख का दाता, सब का साथी, शुभ का यह संदेश है, मां की गोद, पिता का आश्रय, मेरा मध्यप्रदेश है।

विंध्याचल सा भाल, नर्मदा का जल जिसके पास है, यहां ताप्ती और बेतवा का पावन इतिहास है। उर्वर भूमि, सघन वन, रत्न सम्पदा जहां अशेष है, स्वर-सौरभ-सुषमा से मंडित, मेरा मध्यप्रदेश है।

सुख का दाता, सब का साथी, शुभ का यह संदेश है, मां की गोद, पिता का आश्रय, मेरा मध्यप्रदेश है।

क्षिप्रा में अमृत घट छलका, मिला कृष्ण को ज्ञान यहां, महाकाल को तिलक लगाने, मिला हमें वरदान यहां। कविता, न्याय, वीरता, गायन, सब कुछ यहां विशेष है, हृदय देश का यह, मैं इसका, मेरा मध्यप्रदेश है।

सुख का दाता, सब का साथी, शुभ का यह संदेश है, मां की गोद, पिता का आश्रय, मेरा मध्यप्रदेश है।

चंबल की कल-कल से गुंजित, कथा तान, बलिदान की, खजुराहो में कथा कला की, चित्रकूट में राम की। भीमबैठका आदिकला का, पत्थर पर अभिषेक है, अमृतकुंड अमरकंटक में, ऐसा मध्यप्रदेश है।

सुख का दाता, सब का साथी, शुभ का यह संदेश है, मां की गोद, पिता का आश्रय, मेरा मध्यप्रदेश है।

महेश श्रीवास्तव

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मांदल के बोल

मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा निर्मित फिल्म मांदल के बोल को 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में पुरस्कार प्राप्त


मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा जनजातीय जीवन और सांस्कृतिक परम्परा को लेकर बनाई फिल्म ‘मांदल के बोल’ को 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ डाक्यूमेंट्री का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। 30 सितम्बर,2022 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में भारत की माननीय राष्ट्रपति सुश्री द्रौपदी मुर्मू द्वारा ‘मांदल के बोल’ को उत्कृष्ट फिल्म पुरस्कार से अलंकृत किया गया। समारोह में मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग की ओर से माननीय मंत्री, संस्‍कृति एवं पर्यटन सुश्री उषा ठाकुर, मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग की ओर से प्रमुख सचिव, संस्कृति विभाग श्री शिव शेखर शुक्ला तथा संचालक, संस्कृति श्री अदिति कुमार त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।

इस फिल्म के लिए निर्देशक श्री राजेंद्र जांगले को भी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया है।